Tuesday, 2 January 2018

अंबाला सिविल हस्पताल में डिलेवरी के दौरान पहली महिला ट्रेन ड्राइवर की मौत , स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश ।

         
हरियाणा की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बीमार सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की भेंट चढ़ गईं । इस खामी का खामियाजा रेलवे की एक महिला ट्रेन ड्राइवर को भुगतना पड़ गया। सिविल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान हरियाणा की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर रजनी की जिंदगी पटरी से उतर गई। महिला की मौत के बाद बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर परिजनों के आंसू फूट पड़े और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इस व्यवस्था को ठीक करने की गुहार लगाई है। ताकि किसी और की ज़िंदगी से खिलवाड़ न हो सके। विज ने इस मामले में अधिकारियों को जांच के आदेश दे दिए हैं।

             कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की यह खामी अंबाला कैंट की चंद्रपुरी में रहने वाली रजनी पर भारी पड़ गयी। रेलवे में बतौर लोको पायलट यानी ट्रेन ड्राइवर के रूप में कार्यरत रजनी की अंबाला सिटी के नागरिक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रसव पीड़ा के बाद परिजन 29 दिसम्बर को रजनी को अंबाला सिटी के नागरिक अस्पताल में ले गए जहां उसे डिलीवरी के लिए भर्ती कर लिया गया। रजनी के पति शिव शक्ति का कहना है कि 1 जनवरी की रात को पत्नी रजनी को प्रसव पीड़ा हुई जो उसके लिए असहनीय हो गयी। वहां पर स्टाफ को सिजेरियन ऑपरेशन करने को कहा परन्तु स्टाफ ने नार्मल डिलीवरी ही सजेस्ट की। रात को रजनी ने बेटी को जन्म दिया जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई जिससे उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत से आहत शिव शक्ति ने भरी आंखों से बताया कि हालांकि महिला डॉक्टर और वार्ड के स्टाफ ने पूरा सहयोग किया और रजनी को बचाने के लिए जी जान लगा दी परन्तु डिलीवरी के बाद बिगड़ी हालत में उसकी पत्नी रजनी को स्ट्रेचर पर इमरजेंसी वार्ड में ले जाया जा रहा था तो स्ट्रेचर और ऑक्सिजन सिलिंडर सम्भालने के लिए पर्याप्त स्टाफ भी नही था। शिव शक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी ने उसके हाथ मे हाथ डालकर दम तोड़ दिया। 

               पैदा होते ही मां को खो देने वाली नवजात बच्ची अंबाला सिटी के नागरिक अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल प्रबंधन ने रजनी की मौत के मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। अंबाला के सीएमओ ने बताया कि डिलीवरी के दौरान महिला को कुछ हेल्थ कंप्लीकेशन्स हो गयी थीं जिन्हें गायनेकोलॉजिस्ट और मेडिकल विशेषज्ञ ने सम्भालने का प्रयास किया परन्तु महिला को बचाया नही जा सका। इस बारे में जांच शुरू कर दी गयी है।

       डिलीवरी के दौरान महिला लोको पायलट की मौत की खबर जब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक पहुंची तो उन्होंने इस मामले को लेकर अधिकारियों से बातचीत की। विज ने कहा कि इस मामले में जांच करवाई जाएगी कि आखिर महिला की मौत की असल वजह क्या है। 

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