कार्यालय महापौर,नगर निगम,अम्बाला।
सेवा में,
1. श्री मनोहर लाल खटट्र जी,
माननीय मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार।
हरियाणा।
2. श्रीमति कविता जैन जी,
माननीय मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय विभाग,
हरियाणा, चण्ड़ीगढ।
3. श्री अनिल विज जी
माननीय स्वास्थय एंव खेल मंत्री, हरियाणा सरकार
हरियाणा।
क्रमांकः- /महापौर दिनांकः-
विषयः- नगर निगम,अम्बाला को भंग न करने बारे।
महोदय/महोदया,
संज्ञान में आया है कि सरकार नगर निगम,अम्बाला को भंग करके अम्बाला सदर जोन व अम्बाला शहरी जोन को अलग - अलग नगर परिष्दों बनानें पर विचार कर रही है। जिन तथ्यों व आंकड़ों को आधार बनाकर सरकार निगम को भंग करना चाहती है वह बिल्कुल ठीक नहीं है। सरकार को ऐसा लगता है कि अंबाला नगर निगम अपना खर्च स्वयं वहन नहीं कर सकती, यानि स्टाफ की सेलरी सहित अन्य खर्च के लिए भी सरकार से बजट का इंतजार रहता है। सच तो यह है कि निगम में स्टाफ की भारी कमी है और इसी कमी के कारण निगम की करोड़ों रूपए की रिक्वरी नहीं हो पाती। जिसके कारण निगम को हर साल वित्तीय हानि होती है। सरकार यदि निगम को स्टाफ उपलब्ध करवाए तो निश्चितौर पर निगम के पास किसी तरह के बजट की कोई कमी नहीं होगी। इस लिए सरकार को निगम भंग करने की बजाए निगम में स्टाफ की कमी को पूरा करने पर विचार करना चाहिए ताकि भविष्य में जो भी केंद्र सरकार की योजनाएं है उसका लाभ अंबाला के लोगों को मिलता रहें। हम आपके संज्ञान में कुछ आंकड़ों के साथ संज्ञान में लाना चाहते है कि स्टाफ की कमी के कारण लगभग सभी विभागों के मिलाकर करोड़ों रूपए बकाया है जिसका विवरण इस प्रकार हैः-
नगर निगम अंबाला स्वयं अपने खर्च को अपनी आय के साधनों से वहन कर सकती है। जिसके लिए नगर निगम के पास आय के निम्न साधन हैः-
1. नगर निगम अम्बाला में संपत्ति कर के रूप में सालाना लगभग 12 करोड़ रूपए की आदमन बनती है। वहीं निगम का पिछले सालों का करीब 8 करोड़ रूपए एकत्रित करना भी बाकी है।
2. नगर निगम द्वारा किराए पर दी गई दुकानों से प्रति वर्ष 2.5 करोड रूपए की आमदन नगर निगम को बनती है और इसी के साथ निगम का किराए पर दी गई दुकानों का लगभग 1 करोड रूपए बकाया अभी तक दुकानदारों से एकत्रित करना बाकी है।
3. नगर निगम,अम्बाला पूरी तरह से टेªड लाईसैन्स जारी नहीं कर पाया है, जबकी टेªड लाईसैन्स से नगर निगम,अम्बाला की प्रतिवर्ष लगभग 70 लाख रूप्ए आमदन बनती है।
नगर निगम द्वारा सरकार को पिछले 6 वर्षो के आंकड़े भेजे गए है जिसमे दिखाया गया है कि नगर निगम को प्रति वर्ष आमदन कम हुई है और खर्च उससे कहीं अधिक किया गया है। किन्तु यह कही स्पष्ट नहीं किया गया कि अच्छे प्रयास करके नगर निगम की आय को बढाया जा सकता था।
ऽ मैने शहर में हो रहे अवैध निमार्णो को रोकनें के लिए नगर निगम के अधिकरियो को कई बार पत्र लिखा। किन्तु कभी भी नगर निगम द्वारा इस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया। इससे नगर निगम को बहुत बडी वितिय हानि हुई हैं।
ऽ पिछले कई वर्षो से निगम क्षेत्र में लगें मोबाईल टावरों से कोई फीस नहीं ली गई। पिछले कई वर्षो से नगर निगम में तहबाजारी बंद है।
ऽ नगर निगम द्वारा किराए की दुकानों को सबलैट नहीं किया जा रहा है।
ऽ आज तक नगर निगम नें अम्बाला शहर में विज्ञापन का ठेका नहीं दिया गया है।
ऽ नगर निगम,अम्बाला में आज तक आवारा पशुओं को पकड़नें का ठेका नहीं दिया गया है।
ऽ नगर निगम,अम्बाला में केबल नेटवर्क से आने वाली राशि को वसूला नहीं गया है।
नगर निगम को भंग करके नगर परिषद् बनाए जाने पर केन्द्र सरकार से आने वाली विकास राशि कम हो जाएगी। जिससे विकास कार्य प्रभावित होगें तथा इसका खामियाजा जनता को भुगतना पडेगा। नगर निगम का रूतबा नगर परिषद् से बड़ा माना जाता है। नगर निगम अम्बाला में शहीद समारक व साईंस सिटी बनाई जा रही है। जिसके लिए केन्द्र सरकार से करोडो रूप्ए की ग्रान्ट आई है। अमृत योजना के लिए भी केन्द्र सरकार से करोडो रूप्ए की ग्रान्ट प्राप्त हुई है। यह सारी राशि केन्द्र सरकार से केवल इस लिए आई है क्यूंकी अम्बाला को नगर निगम का दर्जा प्राप्त है।
नगर निगम,अम्बाला में कुल 20 वार्ड है। जिसमें से 14 सदस्यों ने नगर निगम को भंग न किए जाने पर सहमति जताई है। जिसकी प्रति साथ सलग्न है।
अतः आपसे अनुरोध है कि नगर निगम को भंग न करके इसे प्रगति की ओर ले जाने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसमें स्टाफ की कमी को पूरा किया जाना चाहिए ताकी नगर निगम की आमदन को बढाया जा सके तथा आमजन को सभी सुविधांए दी जा सके।
धन्यवाद।
आपका
रमेशलाल मल
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