जम्मू में सेना के कैंप पर हुआ आतंकी हमला 14 मई 2002 में जम्मू के कालू चक्क में भी ठीक ऐसे ही हुआ था तब भी आतंकियों ने सैनिको और उनके परिवारों को निशाना बनाया था। अंबाला में रह रहे पूर्व सैनिक अत्तर सिंह मुल्तानी ने अपने बेटा बेटी को उस हमले में खो दिया था। अत्तर सिंह आज भी उस हमले को लेकर सिहर उठते हैं उन्होने इस हमले की निंदा की है और राष्ट्रपति , गृहमंत्री और प्रधानमन्त्री से पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला करने की मांग की।
जम्मू में सेना कैंप पर हुए आतंकी हमले से एक पूर्व सैनिक काफी आहत है क्यूंकि उसने भी 2002 में जम्मू के कालू चक्क में अपनी बेटी अमनदीप और बेटे जितेन्द्र को खो दिया था पूर्व सैनिक अत्तर सिंह मुल्तानी ने कहा यह लोग चूहों की तरह आते हैं और हमे निशाना बनाते है इन्हें जवाब देना जरूरी है। इन्होने मेरे परिवार पर भी इसी तरीके से हमला किया था जब मेरे बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तब उन्होंने मेरे बच्चो को गोलियों से भुन दिया था। उन्होंने इस घटना को निंदनीय बताया और पाकिस्तान के आतंकी शिविरों को नष्ट करने की मांग की। मुल्तानी ने कहा कि कब तक सेना पर पत्थरबाजी होती रहेगी और कब तक यह चलता रहेगा। अगर इन लोगो से निपटना है तो इनसे कड़ाई से निपटना होगा। उन्होंने राष्ट्रपति , गृहमंत्री और प्रधानमन्त्री से पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला करने की और उन्हें कुचलने की मांग भी की।
जम्मू में सेना कैंप पर हुए आतंकी हमले से एक पूर्व सैनिक काफी आहत है क्यूंकि उसने भी 2002 में जम्मू के कालू चक्क में अपनी बेटी अमनदीप और बेटे जितेन्द्र को खो दिया था पूर्व सैनिक अत्तर सिंह मुल्तानी ने कहा यह लोग चूहों की तरह आते हैं और हमे निशाना बनाते है इन्हें जवाब देना जरूरी है। इन्होने मेरे परिवार पर भी इसी तरीके से हमला किया था जब मेरे बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे तब उन्होंने मेरे बच्चो को गोलियों से भुन दिया था। उन्होंने इस घटना को निंदनीय बताया और पाकिस्तान के आतंकी शिविरों को नष्ट करने की मांग की। मुल्तानी ने कहा कि कब तक सेना पर पत्थरबाजी होती रहेगी और कब तक यह चलता रहेगा। अगर इन लोगो से निपटना है तो इनसे कड़ाई से निपटना होगा। उन्होंने राष्ट्रपति , गृहमंत्री और प्रधानमन्त्री से पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला करने की और उन्हें कुचलने की मांग भी की।
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