भारत बंद का देश भर में मिलाजुला असर देखा गया। एससी एसटी एक्ट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दलित संगठनों ने विरोध करते हुए हाईवे तक जाम कर दिए थे। इस प्रदर्शन ने देश की परिवहन व्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है। इस प्रदर्शन से रेलवे को लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है तो वहीं रोडवेज को तकरीबन 10 लाख रुपयों का फटका लगा है।
2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा बुलाये गए भारत बंद का मिलाजुला असर रहा। इस आंदोलन से रेलवे के अंबाला मण्डल को चंद घंटों में ही एक करोड़ रुपयों का आर्थिक नुकसान हो गया। अंबाला रेल मंडल की सीनियर डीसीएम परवीन गौड़ द्विवेदी ने बताया कि इस प्रदर्शन के दौरान अंबाला रेल मंडल को 8 मेल और एक्सप्रेस गाड़ियां रद्द करनी पड़ीं। कुछ ट्रेनों का रूट भी बदला गया। 12 पैसेंजर ट्रेन प्रभावित रहीं। मोगा शताब्दी पर लुधियाना में पथराव किया गया जिसमें एक यात्री को चोट आने की खबर है। आर्थिक नुकसान की बात करें तो अभी तक अम्बाला रेल मंडल को लगभग एक करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है। इस आंदोलन के दौरान स्थिति से निपटने में रेल कर्मचारियों का काफी सराहनीय योगदान रहा। जानकारी के अनुसार 10 अप्रैल एक बार फिर भारत बंद की प्रस्तावित कॉल है जिसे लेकर रेलवे सतर्क है।
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर सड़क परिवहन पर देखा गया। जिस वजह से अंबाला रोडवेज को तकरीबन 10 लाख रुपयों का आर्थिक नुकसान हो गया है। अम्बाला बस अड्डे के इंचार्ज राज किशोर ने बताया कि कुछ लोग हाथों में लाठी डंडे लेकर बस अड्डे में तोड़फोड़ के मकसद से घुस आए थे जिन्हें सुरक्षा कर्मियों ने यहां से खदेड़ दिया। बस अड्डा इंचार्ज के मुताबिक तकरीबन 150 बसें सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बस अड्डे में खड़ी रहीं जिस वजह से रोडवेज को बड़ा आर्थिक नुकसान हो गया।
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