Monday, 9 July 2018

अंबाला में मास्टर्स डिग्री होल्डर लडकी पिता की बीमारी के बाद खुद संभाल रही खेती , फसल बोने से लेकर बेचने तक का काम खुद देखती है ।

                अंबाला के मुलाना में अधोई गाँव की एक लड़की ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सार्थक अर्थ सिद्ध करते हुए पूरे क्षेत्र में अपनी और अपने परिवार की एक अलग पहचान बनाई है। पूरे इलाके में लेडी किसान के रूप में पहचानी जाने वाली अमरजीत कौर खुद खेत में अकेले फसल बोने से लेकर उसके तैयार होने के बाद फसल को काटकर खुद मंडी में बेच कर भी आती है। पिता के अचानक बीमार हो जाने के चलते और बड़े भाई की पढ़ाई को सुचारू रखने के लिए अमरजीत को ऐसा करना पड़ा। आज अमरजीत की वजह से ही उसका बड़ा भाई सरकारी नौकरी में है और उसकी शादी भी उसने ही अपनी मेहनत से करवाई है। आज अमरजीत से इलाके के लोग कब कौन सी और कैसे फसल बीजनी है इसकी जानकारी लेने आते हैं। 

                            होनहार बेटी अमरजीत कौर :



                 अंबाला के अधोई गांव में अमरजीत कौर एक युवा लेडी किसान के रूप में पहचान रखती है। परिवार में माता पिता , एक बड़ा भाई भाभी व बच्चे हैं सभी की देखरेख अमरजीत खुद करती है। पढाई करती है घर का चूल्हा चोंका समान रूप से संभालती है व सुबह शाम खेती कर के परिवार का पेट पाल रही है। दरअसल दिसम्बर 2007 में अमरजीत के पिता बख्शीश सिंह डिप्रेशन से बिस्तर पर आ गये। परिवार पिता के इलाज और आर्थिक स्थिति में उलझ गया और खेती जिससे परिवार चलता था वो भी नही हो पा रही थी। जिसके बाद अमरजीत ने परिवार की सबसे छोटी बेटी होने के बाद भी बेटा बन खुद जिम्मेदारी संभाली ट्रैक्टर चलाना खेती कैसे हो इसके बारे में सिखा और परिवार को दिक्कतों से बाहर निकाल आज परिवार को पूरे तरीके से सभी कर दिया। बड़े भाई को पढ़ा लिखा कर सरकारी नौकरी तक पहुंचाया और मास्टर्स की डिग्री हासिल की। अमरजीत सुबह 5 बजे उठकर खेत संभालती है उसके बाद पशुओ को चारा डालती है व खाना बनाती है। इतना ही नही खाली समय में अमरजीत सिलाई कढाई का काम भी करती है। 

               मास्टर्स की डिग्री लेने के साथ अमरजीत खेती को अच्छे से जानती है। एक जिम्मेदार बेटी होने का फर्ज अमरजीत खूब निभा रही है। परिवार के लिए अमरजीत किसी बेटे से कम नही है। अमरजीत ने अपनी मेहनत से बड़े भाई को पढ़ने में मदद की उसे सरकारी नौकरी के काबिल बनाया। अमरजीत अकेले फसल बोने का काम करती है उसके बाद फसल को कटवा कर फसल को बेचने के लिए मिल व मंडी में भी जाती है। वहां अमरजीत को अलग रिस्पेक्ट मिलती है। अमरजीत कि माँ ने कहा अमरजीत ने खुद परिवार को संभाला और आज वो उनके लिए बेटे से ज्यादा है। 

         अमरजीत अपने इलाके में होनहार बेटी के रूप में पहचान रखती है इलाके के लोग फसलो की जानकारी लेने पहुंचते हैं। लोग उनसे पूछते हैं कि कौन से बिज का इस्तेमाल करना है और फसल के लिए किस चीज का कब इस्तेमाल करना है।

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