अंबाला रेलवे महकमा पिछले कई महीनों से असमंजस में है क्योंकि तय वक्त की मियाद पूरी होने के बावजूद भी अंबाला -लुधियाना-राजस्थान ट्रैक के ऊपर से गुजर रहा कालिपल्टन का पुल बनकर तैयार नही हो सका है। फ़िलहाल काम पूरा होने के कोई आसार भी नजर नही आ रहे। रेलवे कॉलोनी समेत कई गांवों के लोगों और सेना की कई पलटनों का अंबाला कैंट से सम्पर्क लगभग टूट सा गया है। पुल के काम का पूरा न होना राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बने कालिपल्टन पुल के जीर्णोद्धार का काम पिछले लगभग सवा दो साल पहले शुरू किया गया था। जानकारों के मुताबिक इस पुल का निर्माण काफी समय पहले पूरा हो जाना चाहिए था परन्तु ऐसा हुआ नही। कांग्रेसी नेता और इस पुल से होकर गुजरने वाले पूर्व मंत्री व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मल सिंह इसे सरकार की लापरवाही बता रहे हैं जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। निर्मल सिंह ने कहा कि ये पुल रेलवे कॉलोनी व कई गांवों के साथ सेना की महत्वपूर्ण पलटनों को कैंट से जोड़ता है। परन्तु पुल ठप्प होने की वजह से लोगों को लम्बा और घुमावदार सफर तय करके कैंट तक आना जाना पड़ता है। जो जीटी रोड से होकर निकलता है जो काफी खतरनाक भी है।
कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षद सुरेंद्र तिवारी ने पुल की रिपेयर को जरूरी बताते हुए कहा कि यह पुल ब्रिटिश काल का है जो काफी पुराना और जर्जर हो गया था। ये पुल सेना और रेलवे की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है इसलिए इस पुल के निर्माण और मजबूती के मामले में कोई रिस्क नही लिया जा सकता। काम बडी ही बारीकी और मजबूती से किया जा रहा है। तिवारी ने बताया कि पुल के नीचे से महत्वपूर्ण रेलवे लाइन्स जा रही हैं जिन्हें यदि ब्लॉक किया गया तो रेल यातायात काफी बड़े पैमाने पर प्रभावित हो जाएगा। इन सब बातों का ध्यान रखते हुए पुल का निर्माणकार्य किया जा रहा। इस मामले में न तो कोई राजनीति की जा रही है और न ही कोई कोताही बरती जा रही है। रेलवे के इंजीनियर इसे पूरा करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।
इस पूरे मामले पर अंबाला मण्डल के डीआरएम ने रेलवे का रुख साफ करते हुए कहा कि कालिपल्टन पुल निर्माण करना एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स है। पुल में बहुत सी बारिकियां और कई पेंच हैं जिन्हें रेलवे के इंजीनियरों की टीम ने ऐक्सपर्ट के साथ विजिट किया है। पुल के दो स्पैम रखे जा चुके हैं और पुल के नीचे से कुछ केबल भी गुजर रहे हैं जो रेलवे से परिचालन की अहम धुरी हैं। ये बड़ी बारीकी और सावधानी से हैंडल किया जाने वाला मामला है। इस मामले का राजनीति से कोई लेना देना नही है। डीआरएम ने फाइनल तारिख तो नही बताई परन्तु इतना जरूर कहा कि इस बात की पूरी सम्भावना है कि जल्दी ही पुल का काम पूरा कर दिया जाएगा।
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