Saturday, 17 February 2018

अंबाला नगर निगम भंग किये जाने पर लगी मुहर , विज ने कहा फैंसला हितैषी तो मेयर ने कहा जायेंगे कोर्ट .

अंबाला में 7 साल बाद फिर से दो नगर परिषद वजूद में होंगी। अब अंबाला कैंट और सिटी की अपनी अपनी नगर परिषद होगी। नगर निगम को भंग करने के लिए चंडीगढ़ में सरकार की मुहर लगते ही अंबाला में सियासी भूचाल आ गया। सरकार ने जहां इस फैसले को लोक हितैषी करार दिया है तो वहीं विपक्ष ने इसे  दमनकारी फैसला करार दिया है।  नगर निगम भंग होने के बाद कैंट के विधायक और सरकार में सेहत मंत्री अनिल विज और मेयर रमेश मल ने पत्रकारों से अलग अलग बातचीत करते हुए अपनी राय रखी जहाँ मंत्री अनिल विज ने  इसे अंबाला की जनता के हित में बताया तो वही मेयर ने कहा कि वह अब सरकार के इस फैसले के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

      आज चंडीगढ़ से सरकारी ऐलान हुआ जिसमें अंबाला नगर निगम को भंग कर देने का फैसला लिया गया। नगर निगम से दोबारा  नगर परिषद बनाए जाने की पैरविकार तारीफ कर रहे हैं तो विपक्ष के तेवर हमलावर हो गए हैं वहीं पिछले काफी लंबे समय से अंबाला नगर निगम को भंग करवाने की लड़ाई लड़ रहे अनिल विज ने इसे लोक हितैषी करार दिया है। कैंट रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विज ने कहा कि हुड्डा सरकार ने ढींगा मस्ती करते हुए इसे नगर निगम बनाया हुआ था। कैंट और सिटी दो भागों में बंटे हुए शहर हैं। इन दोनों के बीच मे कैंटोनमेंट एरिया भी है। निगम एरिया के लोगों को अपने काम करवाने के लिए 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था जो एक बड़ी परेशानी था। लोगों की दिक्कत को देखते हुए इन्हें दोबारा से परिषद बना दिया है। निगम भंग होंने के बाद नगर परिषद बनने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। ये फैसला सरकार ने पूरी तरह से सोच समझकर लिया है। विज ने कहा कि गाव के जो सिटी के इलाके सिटी निगम क्षेत्र में थे वो सिटी नगर परिषद में और जो कैंट एरिया में थे वो कैंट परिषद में हो जाएंगे। 


     स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रथयात्रा पर भी चुटकी ली। विज ने कहा कि डाक्टरों ने हुड्डा को आराम करने की सलाह दी है। इसके बावजूद वो रथ पर चढ़ने की जिद कर रहे हैं। हो सकता है वो जानबूझकर लेटे हुए हों। हो सकता है वो ढोंग कर रहे हों। विज ने कहा कि मैं स्वास्थ्य मंत्री हूँ। यदि हुड्डा चाहेंगे तो उनका बढ़िया ईलाज करवा दूंगा। 


     वही अंबाला नगर निगम के पहले मेयर और नगर निगम टूटने के बाद आखरी मेयर कहलाये जाने वाले मेयर रमेश लाल मल निगम टूटने को केवल कैबिनेट मंत्री अनिल विज की जिद्द बता रहे है उनका कहना है कि सरकार अंबाला को पीछे ले जा रही है। रमेश मल ने कहा कि जब से सरकार बनी है है नगर निगम को तोड़ने की कोशिश करती रही है और आज इस फैसले से अंबाला काफी पीछे हो जायेगा।  उन्होंने कहा कि देश में चार हज़ार नगर निगम है जिसमे अंबाला का नाम भी आता है लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अंबाला  नगर निगम खत्म हो गया ये फैसला अंबाला के लोगो के लिए काफी बुरा है। उन्होंने कहा कि ये सरकार का ये फैसला इतिहास का पहला फैसला है जो किसी शहर को आगे की बजाये पीछे ले जाया जा रहा है। 

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