शहर की समस्याओं और क्राइम से निपटने के लिए अंबाला की पुलिस और प्रशासन ने शहर के मौजिज लोगों का साथ मांगा है। धरने प्रदर्शनों के दौरान हाथ से स्थिति न निकले और सूचना तंत्र को मजबूत करके क्राइम को कंट्रोल करने में मदद मिले इसके लिए अंबाला की पुलिस और प्रशासन ने राजनीतिक और सामाजिक व संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
समाजिक व राजनीति संगठन रहे मौजूद :
2 अप्रैल को हुए दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान पुलिस और प्रशासन हालातों की गंभीरता को भांपने में नाकाम साबित हुआ था। जिस वजह से प्रशासन की खूब किरकिरी भी हुई थी। अब एक बार फिर अन्य संगठनों ने 10 अप्रैल को भारत बन्द का आह्वान किया हुआ है जिसे लेकर प्रशासन सख्ती के दावे कर रहा है। अब की बार हालात काबू में रहें साथ ही जिले में पनप रहे क्राइम को कंट्रोल किया जा सके इसके लिए अंबाला कैंट के एसडीएम और डीएसपी ने डीएसपी मुख्यालय में शहर के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में शामिल लोगों ने पुलिस को मदद का भरोसा दिया और बदले में पुलिस से भी मदद की अपील की। बैठक में अंबाला में नशाखोरी और सट्टे के बढ़ते प्रभाव और युवा पीढ़ी के इसकी चपेट में आने की सबसे ज्यादा शिकायते आईं।
प्रशासन अलर्ट पर :
डीएसपी कार्यालय में कई घण्टों तक एसडीएम और डीएसपी ने लोगों से बातचीत की और उनसे क्राइम कंट्रोल करने और आपात स्थिति में प्रशासन की मदद की अपील की। एसडीएम सुभाष सिहाग ने बताया कि इस बैठक में प्रशासन के कई मुद्दों पर बात हुई जिनमे इन लोगों की मदद ली जा सकती है। चाहे अतिक्रमण को हटवाने की बात हो या फिर कोई और पहलू सामाजिक और राजनीतिक परिवेश के लोग बड़ी अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। अंबाला कैंट के डीएसपी सुरेश कौशिक ने बताया कि इस बैठक में काफी गहनता से बात हुई है। कई फीडबैक मिले हैं जिनपर अमल किया जाएगा। क्राइम को कंट्रोल करने में सबके सहयोग से ही मदद मिलेगी। 10 अप्रैल के प्रस्तावित बन्द को लेकर पुलिस और खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
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