देशभर में किसानो की हड़ताल जारी है। किसानो की तरफ से दूध - सब्जियों जैसी जरूरी चीजो की सप्लाई रोकी गयी है। किसानो के इस बंद से दूध की सप्लाई पर असर पड़ने लगा है। अंबाला में वीटा मिल्क प्लांट में दूध की सप्लाई प्रतिदिन 76 हजार लीटर से मात्र 5800 लीटर प्रतिदिन पर पहुंच गयी है। ऐसे में मिल्क प्लांट बैकअप से काम चला रहे हैं। किसानो की इस हड़ताल से आने वाले समय में पैकेट के दूध की मांग बढ़ेगी क्यूंकि दुसरे स्त्रोत से दूध की सप्लाई शहरों में न के बराबर हो गयी है। ऐसे में प्लांट बैकअप से गुजारा करेंगे। यदि प्लांट मिल्क पाउडर का इस्तेमाल भी करते हैं तो भी फ्रेश मिल्क की जरूरत काफी मात्र में होती है। यदि फ्रेश दूध के इस्तेमाल के बिना मिल्क पाउडर के सहारे सप्लाई होती है तो लोगो को मिलने वाले दूध के स्वाद में फर्क पड़ेगा।
वीटा प्लांट को करना पड़ सकता है बैकअप से गुजारा :
किसानो की 10 दिन की हड़ताल का जहाँ अभी तक मिला जुला असर देखने को मिल रहा है वहीं अब दूध की सप्लाई पर इसका असर काफी हड तक देखने को मिल रहा है। अंबाला स्थित वीटा मिल्क प्लांट में अंबाला , यमुनानगर और पंचकूला से दूध की सप्लाई होती है लेकिन किसानो के बंद के चलते यमुनानगर और पंचकूला से दूध की सप्लाई बिलकुल बंद हो गयी है तो वहीं अंबाला जिला से मात्र 5800 लीटर दूध की सप्लाई हो पायी है। ऐसे में मिल्क प्लांट बैकअप से कम चला रहा है। वीटा मिल्क प्लांट के सीईओ ने बताया कि प्रतिदिन 76 हजार लीटर दूध की आवक प्लांट में होती है कल यहाँ करीब 50 हजार लीटर दूध की आवक हुई थी आज यह आवक घटकर मात्र 5800 लीटर रह गयी है। यानि दूध की सप्लाई पर काफी असर हो रहा है प्लांट के सीईओ ने बताया कि उनकी गाड़ियों को सप्लाई को रोकने की कोशिशे भी हो रही है।
पी के त्यागी - सीईओ - वीटा मिल्क प्लांट।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट , कर्जा माफी व किसानों की आय सुनिश्चित करने की मांग किसान कर रहे हैं। किसानो का कहना है कि उनका धरना शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। हड़ताल से जनता को होने वाली दिक्कत को लेकर किसानो का कहना है कि उनका संघर्ष इसीलिए है दूध सब्जियों की सप्लाई को रोकना ही पड़ेगा हम भी भूखे मर रहे हैं इलसिए उन्हें सप्लाई रोकनी पड़ रही है।
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