अंबाला का तेपला गांव सैनिको का गावं माना जाता है। यहाँ के करीब 250 से 300 युवा सेना में हैं। इसके इलावा कुछ रिटायर हो चुके हैं और कुछ सेना में भर्ती की तैयारी में हैं। इस गांव के अब तक 4 युवा शहीद हो चुके हैं। इस गांव की आबादी मात्र ढाई हजार के करीब है यानि हर घर से एक युवा भारतीय सेना में सेवाएँ दे रहा है।
गांव में चस्पा पोस्टर :
अंबाला के तेपला गांव में हर घर से एक युवा सेना में है ये वही गांव है जिस गांव का विक्रमजीत था जो जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया। यह गांव वीर जवानों का गांव है इस गांव के हर युवा में देश की सेवा की ललक है। इस गांव में हर शहीद के बाद युवाओ का हौंसला कम नही होता बल्कि दोगुना हो जाता है। इस गांव से अब तक 4 फौजी शहीद हो चुके हैं। गांव के लोगो ने बताया कि इस गांव के करीब 300 युवा भारतीय सेना में हैं और अलग अलग जगहों पर देश की सेवा में जुटे हैं। इस गांव के 6 युवा सेना में आफिसर रैंक पर भी है। तेपला के इस गांव ने पहला शहीद 1999 में कारगिल युद्ध में मेजर गुरप्रीत सिंह के रूप में दिया। उसके बाद इस गांव से युवाओ की तादाद भारतीय सेना में ज्यादा तेजी से बढ़ गयी। दूसरा शहीद लांस नायक हरजिंदर सिंह तीसरा शहीद नायक विनोद और चोथा लांस नायक विक्रमजीत 2018 में हुआ।
शहीद के नाम पर है स्कूल :
इस गांव के बुजुर्गो ने सेना में जाने की रित को शुरू किया था जिसके बाद इस गांव से लगातार युवा सेना में जा रहे हैं। इस गांव की तरफ से कभी भी परिवार के लिए कभी अलग से कोई मांग नही रखी गयी। विक्रम की मौत से इस गांव के युवाओ का जोश ठंडा नही हुआ है जोश और बढ़ गया है अब पाकिस्तान के लिए गुस्सा दोगुना हो गया। विक्रम की माँ भी कहती है कि विक्रम पढने में मन नही लगाता उसे हमेशा पढने के लिए कहा जाता लेकिन वे फौज में जाने की जिद्द करता उसने भी मेहनत की और सेना में पहुंच गया। विक्रम का छोटा भाई मनजीत भी सेना में है।
गांव में विक्रम की शाहदत से गांव के युवा काफी भावुक हो गये हैं। विक्रम की शहादत से गुस्साए गांव वालो का कहना है कि अगर सरकार उन्हें इजाजत दे तो सारे युवा व रिटायर्ड पाकिस्तान पर हमला कर विक्रम की शहादत का बदला ले सकते हैं। गांव के युवाओ ने हल्का मुलाना की विधायक संतोष सारवान से गांव का मुख्य गेट विक्रम के नाम पर और गावं में विक्रम का स्टेच्यु लगाने की मांग की है ताकि युवाओ का जोश ठंडा न हो और वे इससे प्रेरणा ले देश की सेवा में आतुर रहे।
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