जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में देश के 4 ओर जवान शहीद हो गये। शहीदों में अंबाला के तेपला का रहने वाला लांस नायक विक्रमजीत भी आज आतंकवादियो से लोहा सेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया। बहुत ही गरीब परिवार का विक्रम 5 साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था उसका छोटा भाई भी भारतीय सेना में है। विक्रम की शादी को 7 महीने ही हुए थे बताया जा रहा है कि विक्रमजीत की पत्नी गर्भवती है। वो विक्रम की छुट्टी का इंतजार कर रही थी लेकिन ऐसा नही हो सका।
शहीद की पत्नी के साथ तस्वीर :
तस्वीरों में दिखाई दे रहा ये मंजर अंबाला के गाव तेपला का है जिसके 250 से अधिक युवा भारतीय सेना में जाकर भारत माता की सेवा कर रहे हैं। इसी गांव का एक जवान विक्रमजीत सिंह आज सुबह जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया। मात्र 26 की उम्र में लांस नायक विक्रमजीत सिंह देश के दुश्मनों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गया। छोटी से उम्र में शहादत पाने वाला लांस नायक विक्रम अपने पीछे दिल को हिला देने वाली भावुक यादें छोड़ गया है। वहीं मां कमलेश कौर का रो रोकर बुरा है। जिस बेटे के सिर पर अभी 7 महीने पहले अपने हाथों से सेहरा सजाकर लाड लड़ाये थे। वो आज भारत माता के दुश्मनों की गोलियों का शिकार होकर शहीद हो गया। माँ कमलेश कौर ने अपने दोनों लाल भारतीय सेना में भेजकर उन्हें देश की सेवा में लगाया है। विक्रम जीत का छोटा भी सेना में जो अरुणाचल प्रदेश में तैनात है। भाई की शहादत की खबर वो भी अंबाला के लिए रवाना हो चुका है। विक्रमजीत की माँ ने रोते बिलखते हुए बताया कि इसी साल 14 जनवरी को विक्रमजीत की शादी हुई थी और वो मॉर्च में छुट्टी काटकर वापिस गया था। उसकी पत्नी हरप्रीत कौर पेट से है जिसकी अक्टूबर में डिलीवरी है। इस खुशी के मौके पर उसे छुट्टी आना था। पर अब ये मनहूस खबर आ गयी। विक्रमजीत की मां ने कहा कि इस बुरी खबर को उन्होंने अपने कानों से सुना। सुबह उसकी यूनिट से फोन आया तो कलेजा धड़क उठा। फोन करने वाले ने उसकी शहादत की खबर दी तो पैरों तले से जमीन खिसक गई और सिर पर आसमान टूट गया। विक्रमजीत की मां ने कहा कि आतंकवाद ने उनकी कोख सूनी कर दी है। इसका अब ईलाज होना चाहिए।
रो रो कर परिजनों का बुरा हाल :
बेटे को खोने का गम में पिता का गला ऐसा रुंधा की ऐसा कि वो कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं। शहीद विक्रम जीत सिंह के ताऊ गुरदेव सिंह बताते हैं कि फिरोजपुर में पहली पोस्टिंग काटने के बाद विक्रमजीत जम्मू कश्मीर के गुरेज में 36 राष्ट्रीय राइफल्स में बड़ी भूमिका निभाने के लिए चले गए थे जहां वो भारत माता की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।
शहीद के पिता को तिरंगा भेंट करते विवेक चोधरी :
विक्रमजीत की शहादत की खबर पाकर सामाजिक और राजनीतिक जगत के लोग उसके गाव तेपला पहुंचे। इनैलो के प्रदेश प्रवक्ता विवेक चौधरी ललाना ने शहीद के पिता को तिरंगा भेंटकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके पांवों में माथा टेक शहीद के पिता को नमन किया। वहीं जम्मू कश्मीर के कालूचक में हुए आतंकवादी हमले अपने दोनों बच्चों को खो देने वाले और एक्स सर्विसमैन वेलफेयर कमेटी के प्रधान सूबेदार अतर सिंह मुल्तानी भी विक्रमजीत के परिवार को ढाढस बंधाने पहुंचे। मुल्तानी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान पर हवाई हमले करके आतंकवादियों के ठिकानो को तहस नहस नहीं किया जाता तब तक ये देश यूं ही आंखे दिखाता रहेगा और हमारे जवान ऐसे ही शहीद होते रहेंगे। सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रही।
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