सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के 351 वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर अंबाला के बादशाही बाग़ गुरुद्वारा में कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। समागम में दूर दराज से आये श्रधालुओ ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका व समागम में हिस्सा लिया। गुरुद्वारा बादशाही बाग़ में ही गुरु गोबिंद सिंह जी ने चिडियों से बाज तुड़ाऊँ तभी गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ के वचन कहे थे
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गुरु गोबिंद सिंह जी का 351 वाँ प्रकाशोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन अंबाला से जुड़ा रहा है। जहाँ बादशाही बाग़ गुरुद्वारा स्थापित किया गया है यहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पवित्र चरण डाले थे। कहा जाता है है कि गुरु साहिब जब यहाँ आये थे तो उनके बाज को देखकर पीर अमीर दिन का मन डोल गया वो बाज को हथियाना चाहता था। उसने गुरु साहिब को उसके बाज से अपने बाज को लडवाने की बात कही। लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा हम तुम्हारे बाज के साथ चिडियों को लड़वाएंगे , तब पीर अमीर ने कहा चिड़ियाँ तो बाज की खुराक है वो क्या लड़ेंगी। तब गुरु गोबिंद सिंह जी ने चिडियों से बाज को लड़वाया और उनकी चिड़ियों ने विजय प्राप्त की तब गुरु जी ने कहा चिडियों से बाज तुड़ाऊँ तभी गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ सवा लाख से एक लड़ाऊँ तभी गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ।
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