बच्चे एग्जामस का तनाव न लें इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बच्चों से वीडियो कानफ्रेंसिंग के जरिए बात की। दुनिया भर में नरेंद्र मोदी के इस प्रयास की सराहना की। परंतु अंबाला में शिक्षा विभाग की ओर से ऐसा फ
रमान जारी हुआ है जिसने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर सवालिया निशान तो लगा ही गया साथ ही बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक नई परेशानी खड़ी कर दी। वो भी एक ही दिन में दो दो सब्जेक्टस की परीक्षा की तैयारी की। इस फरमान के बाद जहां बच्चे जबरदस्त मानसिक तनाव में हैं तो वहीं उनके अभिभावकों में भी गहरा रोष है। इनका कहना है कि वह इस फरमान के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को लिखित में देकर रहम की गुहार लगाएंगे। वहीं शिक्षा विभाग की जिला मुखिया डीईओ उमा शर्मा ने बच्चों और अभिभावकों से किसी भी तरह का स्ट्रैस न लेने की अपील भी की है।
रमान जारी हुआ है जिसने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर सवालिया निशान तो लगा ही गया साथ ही बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक नई परेशानी खड़ी कर दी। वो भी एक ही दिन में दो दो सब्जेक्टस की परीक्षा की तैयारी की। इस फरमान के बाद जहां बच्चे जबरदस्त मानसिक तनाव में हैं तो वहीं उनके अभिभावकों में भी गहरा रोष है। इनका कहना है कि वह इस फरमान के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को लिखित में देकर रहम की गुहार लगाएंगे। वहीं शिक्षा विभाग की जिला मुखिया डीईओ उमा शर्मा ने बच्चों और अभिभावकों से किसी भी तरह का स्ट्रैस न लेने की अपील भी की है।
सरकारी तंत्र से बचते हुए स्कूल स्टाफ इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। बहुत से अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य की चिंता के चलते स्कूलों के स्टाफ से बात करने पहुंचे परंतु कोई संतोषजनक जवाब न मिलने से वह वापिस लौट गए। एक दिन में दो परीक्षाओं का अल्टीमेटम पाकर जब कई बच्चे रोते हुए तनाव में घर पहुंचे तो उनके परेंटस भी सकपका गए। इसके बाद पेरेंटस ने स्कूल प्रबंधनों से जवाब मांगा है परंतु अभी भी स्कूल प्रबंधन स्कूल और बच्चों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिती में है। पेरेंटस का कहना है कि स्कूल ने एक ही दिन में दो परीक्षाएं करवाने का आदेश दिया है जिसे लेकर बच्चे बड़े तनाव में हैं। मुस्कान ने कहा यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में बच्चों को परीक्षाओं का तनाव न लेने की सलाह दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अंबाला के शिक्षा विभाग की ओर से आए ऐसे आदेशों ने बच्चों को जबरदस्त तनाव में धकेल दिया है। एक ही दिन में दो परीक्षाएं देने के तनाव से वह न तो ठीक से सो पा रहे हैं और न ही कुछ खा पी रहे हैं। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में दिया जाना बेहद जरूरी है। पता नहीं इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का क्या होगा। स्कूल और बच्चों के भविष्य को लेकर असमंजस और तनाव की स्थिती है। वही स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि 28 तारिख तक सभी एग्जाम क्लियर करवाने है इसलिए कुछ पेपर एक दिन में दो लिए जा रहे है जो आदेश उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से मिले है ।
हरियाणा बोर्ड के अधीन आने वाले एडिड स्कूलों के कई शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करवाने के आंदोलन का आगाज करने वाले शिक्षाविद रमेश बंसल ने बताते हैं कि
कि 2010 में हुडडा सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में हरियाणा की शिक्षा सचिव के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें एडिड स्कूलों के टीचरों व अन्य स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का प्रस्ताव रखा गया था। उस वक्त यह मामला सिरे नहीं चढ़ सका जिसे खटटर सरकार ने सत्ता में आते ही लागू करते हुए बड़ी राहत देने का काम कर दिया। इससे प्रदेश् भर के लगभग 200 स्कूलों के 1800 टीचरों व अन्य स्टाफ को फायदा हुआ। अंबाला में कुल 32 एडिड स्कूल थे जनमें तकरीबन 250 लोगों का स्टाफ था। जिनमें से ज्यादातर ने वक्त रहते अपनी कंडिश्रस पूरी कर लीं या फिर मैनेजमेंट ने दोबारा उन्हें चला लिया। इनमें से अब सात स्कूलों पर एडमिनिस्टरेटर नियुक्त किए गए जिनमें से कैंट और सिटी की एडमिनिस्ट्रेटर अंबाला डीईओ नियुक्त की गईं। वहीं दूसरी ओर शहजादपुर के स्कूल के प्रबंधन का जिम्मा एसडीएम नारायणगढ़ को मिला। शिक्षा विभाग की पालिसी के मुताबिक जिले के सात एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित कर दिया गया है। सरकार ने एडिड स्कूलों के टीचरों को रिलीव तो कर दिया गया परंतु उनकी जगह नए टीचरों को भर्ती नहीं किया गया। जिससे बच्चों के भविष्य पर अंधकार के बादल मंडरा रहे हैं।
अंबाला की जिला शिक्षा अधिकारी के मुताबिक परीक्षा को उत्सव की तरह लें। प्रधानमंत्री के दिए टिप्स को याद रखें। वह कहती हैं कि कि बच्चों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पेरेंटस भी बिल्कुल भी परेशान न हों। विभाग के नियमानुसार जिन स्कूलों में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए हैं यदि उन्हें मैनेजमेंट टेकओवर करती है उन्हें 33 साल तक स्कूल को निरंतर चलाना होगा। यदि वह स्कूल चलाने में सक्षम नहीं होंगे तो सरकार उन स्कूलों को चलाएगी किसी के भी भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा और न ही किसी को अधर में छोड़ा जाएगा। डीईओ ने प्रधानमंत्री के संबोधन की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने परीक्षा को एक उत्सव के रूप में मनाने को क हा है। जिसका बच्चों को फायदा हो रहा है। एक दिन में दो परीक्षाएं लेने की कोरी अफवाह है। ये सीसी के तहत एग्जाम होगा। एक मेन सब्जेक्ट और एक लेंगवेज का पेपर लिया जा सकता है। सब कुछ ठीक चल रहा है।
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