आईएमटी का विरोध करने वाले नेताओं से युवा पूछे सवाल, क्यों बने वह युवाओं के रोजगार के दुश्मन, विनोद शर्मा ने दोहराया कि आईएमटी बनाकर अंबाला के युवाओं को दिलाएंगे रोजगार
अंबाला -
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कहा कि अंबाला के युवाओं को उनका हक दिलाने के लिए उन्होंने पहले भी प्रयास किए और आगे भी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आईएमटी का विरोध किया था, उन नेताओं अब युवाओं को सवाल करना होगा कि आखिर उन्होंने क्यों अंबाला में आईएमटी नहीं बनने दिया। शर्मा ने दोहराया कि यदि अंबाला में आईएमटी बन जाता तो निश्चिततौर पर हजारों युवाओं को रोजगार मिलता और व्यापार भी कई गुणा बढ़ जाता। विनोद शर्मा अपने दौरा कार्यक्रम के तहत गांवों में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
विनोद शर्मा गांव भड़ी, मुजफरा, तर, मस्तपुर, सकराओ व अधोमाजरा समेत कई गांवों का दौरा किया और लोगों को संबोधित किया। विनोद शर्मा ने कहा कि पिछले तीर सालों में लोगों को कई उम्मीदें थी, लेकिन वह उम्मीदें पूरी नही हुई। शर्मा ने दोहराया कि लंबी लड़ाई के बाद अंबाला के होनहार युवाओं को उनका हक दिया गया था, लेकिन इस सरकार में फिर से युवाओं को सरकारी नौकरी में उनका हक नहीं मिल रहा। शर्मा ने साफ कर दिया कि सत्ता में आने के बाद दोबारा अंबाला को उसका मान सम्मान दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर की तरक्की वहां के रोजगार से जुड़ी होती है और उन्होंने विधायक रहते हुए अंबाला में आईएमटी लगवाने का प्रयास किया। रोहतक में तो आईएमटी लग गया, लेकिन अंबाला में कुछ नेताओं के विरोध के कारण आईएमटी नही लग पाया। विनोद शर्मा ने कहा कि यदि अंबाला में आईएमटी बनता तो निश्चिततौर पर अंबाला के कम से कम 10 हजार युवाओं को नौकरी मिलती तो वहीं दूसरी तरफ अंबाला में रोजगार के अवसर बढ़ जाते। वहीं अंबाला के साथ साथ कई जिलों के युवाओं को रोजगार मिलता।
विनोद शर्मा ने कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने युवाओं का दर्द समझा था और उन्हें रोजगार दिलाने के लिए आईएमटी स्थापित करवाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अंबाला में आईएमटी लगता तो निश्चिततौर पर अंबाला के हजारों युवाओं को रोजगार मिलता और यहां पर व्यापार की कई संभावनाएं होती। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आईएमटी का विरोध किया और युवाओं के साथ धोखा किया। उन्होंने वायदा किया कि जनता ने विश्वास किया तो एक बार फिर वह अंबाला शहर के लोगों के खोए हुए मान सम्मान को वापस दिलाने का काम करेंगे और अंबाला के युवाओं को काी सरकारी नौकरी में उनका हिस्सा मिलेगा। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के दौरा कार्यक्रम के दौरान राजन गुगलानी, चेयरमैन कुलदीप सांगवान, रविंद्र गुप्ता, नीतिन मटेहडी, अरुण गर्ग, पंचराम, अवतार सिंह, बृजलाल सिंगला, मदनमोहन घेल, सुधीर गोल्डी, टेकचंद, भड़ी से खेम सिंह, पूर्व सरपंच गुलाब सिंह, मजफरा से अमरीक सिंह, तार में घनश्याम, अशोक शर्मा, गुरध्यान, कर्मवीर, मस्तपुर में बलविंद्र सिंह पूर्व सरपंच, सकराओ में जसबीर सिंह, अधोमाजरा में शमशेर सिंह, साहब सिंह पूर्व सरपंच समेत कई समर्थक मौजूद रहे।
इंटरव्यू सिस्टम खत्म होगा, तभी मिलेगी काबलियत पर नौकरी
विनोद शर्मा ने कहा कि जब तक इंटरव्यू सिस्टम खत्म नहीं होता, तब तक किसी भी कीमत पर मेधावी उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में उल्टे सीधे सवाल पूछकर अयोगय उम्मीदवार को पास कर दिया जाता है, जबकि मेधावी उम्मीदवार पीछे हर जाता है। विनोद शर्मा ने कहा कि उन्होंने लगातार इस मामले को उठाया और इस सरकार ने तृतीय व चतुर्थ क्लास में इंटरव्यू को खत्म दिया, लेकिन जब तक सभी सरकारी नौकरियों से इंटरव्यू को खत्म नहीं किया जाता, जब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
अंबाला -
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कहा कि अंबाला के युवाओं को उनका हक दिलाने के लिए उन्होंने पहले भी प्रयास किए और आगे भी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आईएमटी का विरोध किया था, उन नेताओं अब युवाओं को सवाल करना होगा कि आखिर उन्होंने क्यों अंबाला में आईएमटी नहीं बनने दिया। शर्मा ने दोहराया कि यदि अंबाला में आईएमटी बन जाता तो निश्चिततौर पर हजारों युवाओं को रोजगार मिलता और व्यापार भी कई गुणा बढ़ जाता। विनोद शर्मा अपने दौरा कार्यक्रम के तहत गांवों में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
विनोद शर्मा गांव भड़ी, मुजफरा, तर, मस्तपुर, सकराओ व अधोमाजरा समेत कई गांवों का दौरा किया और लोगों को संबोधित किया। विनोद शर्मा ने कहा कि पिछले तीर सालों में लोगों को कई उम्मीदें थी, लेकिन वह उम्मीदें पूरी नही हुई। शर्मा ने दोहराया कि लंबी लड़ाई के बाद अंबाला के होनहार युवाओं को उनका हक दिया गया था, लेकिन इस सरकार में फिर से युवाओं को सरकारी नौकरी में उनका हक नहीं मिल रहा। शर्मा ने साफ कर दिया कि सत्ता में आने के बाद दोबारा अंबाला को उसका मान सम्मान दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर की तरक्की वहां के रोजगार से जुड़ी होती है और उन्होंने विधायक रहते हुए अंबाला में आईएमटी लगवाने का प्रयास किया। रोहतक में तो आईएमटी लग गया, लेकिन अंबाला में कुछ नेताओं के विरोध के कारण आईएमटी नही लग पाया। विनोद शर्मा ने कहा कि यदि अंबाला में आईएमटी बनता तो निश्चिततौर पर अंबाला के कम से कम 10 हजार युवाओं को नौकरी मिलती तो वहीं दूसरी तरफ अंबाला में रोजगार के अवसर बढ़ जाते। वहीं अंबाला के साथ साथ कई जिलों के युवाओं को रोजगार मिलता।
विनोद शर्मा ने कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने युवाओं का दर्द समझा था और उन्हें रोजगार दिलाने के लिए आईएमटी स्थापित करवाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अंबाला में आईएमटी लगता तो निश्चिततौर पर अंबाला के हजारों युवाओं को रोजगार मिलता और यहां पर व्यापार की कई संभावनाएं होती। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आईएमटी का विरोध किया और युवाओं के साथ धोखा किया। उन्होंने वायदा किया कि जनता ने विश्वास किया तो एक बार फिर वह अंबाला शहर के लोगों के खोए हुए मान सम्मान को वापस दिलाने का काम करेंगे और अंबाला के युवाओं को काी सरकारी नौकरी में उनका हिस्सा मिलेगा। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के दौरा कार्यक्रम के दौरान राजन गुगलानी, चेयरमैन कुलदीप सांगवान, रविंद्र गुप्ता, नीतिन मटेहडी, अरुण गर्ग, पंचराम, अवतार सिंह, बृजलाल सिंगला, मदनमोहन घेल, सुधीर गोल्डी, टेकचंद, भड़ी से खेम सिंह, पूर्व सरपंच गुलाब सिंह, मजफरा से अमरीक सिंह, तार में घनश्याम, अशोक शर्मा, गुरध्यान, कर्मवीर, मस्तपुर में बलविंद्र सिंह पूर्व सरपंच, सकराओ में जसबीर सिंह, अधोमाजरा में शमशेर सिंह, साहब सिंह पूर्व सरपंच समेत कई समर्थक मौजूद रहे।
इंटरव्यू सिस्टम खत्म होगा, तभी मिलेगी काबलियत पर नौकरी
विनोद शर्मा ने कहा कि जब तक इंटरव्यू सिस्टम खत्म नहीं होता, तब तक किसी भी कीमत पर मेधावी उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में उल्टे सीधे सवाल पूछकर अयोगय उम्मीदवार को पास कर दिया जाता है, जबकि मेधावी उम्मीदवार पीछे हर जाता है। विनोद शर्मा ने कहा कि उन्होंने लगातार इस मामले को उठाया और इस सरकार ने तृतीय व चतुर्थ क्लास में इंटरव्यू को खत्म दिया, लेकिन जब तक सभी सरकारी नौकरियों से इंटरव्यू को खत्म नहीं किया जाता, जब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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