अंबाला में रिटायर्ड सैनिक सरकार के एक सेहत विरोधी फरमान के खिलाफ लामबंद हुए और बैठक करके अपनी नाराजगी व्यक्त की। सैनिकों का इलाज करने वाली छोटी डिस्पेंसरी यानी ECHS (ex-serviceman contr
ibutory Health scheme) में सरकार के नए फरमानो को सैनिको की परेशानी बढाने वाला करार दिया गया है। इसके अलावा इन रिटायर्ड सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है।
ibutory Health scheme) में सरकार के नए फरमानो को सैनिको की परेशानी बढाने वाला करार दिया गया है। इसके अलावा इन रिटायर्ड सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है।
अंबाला कैंट के रेस्ट हाउस में रिटायर्ड सैनिकों ने इस सर्विसमैन वेल्फर कमेटी के बैनर तले अपना रोष प्रकट किया जिसकी अध्यक्षता सूबेदार अतर सिंह मुल्तानी ने की। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए मुल्तानी ने कहा कि ECHS में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों का इलाज किया जाता है। यहां से ठीक न हो पाने वाले मरीजो को सीधे बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता था। परंतु अब सरकार के नए फरमान के बाद मरीजों के लिए बड़ी भारी परेशानी खड़ी हो गई है। इन आदेशों के अनुसार मरीज को पहले सिविल अस्पताल जाना होगा जिसके बाद वहां स्व इलाज के लिए आगे रेफर किया जाएगा। प्रधान मुल्तानी ने कहा कि ये बुजुर्ग और अकेले सैनिकों और उनके पारिवारिक सदस्यों को इससे बड़ी परेशानी झेलनी पड़ेगी। मुल्तानी ने बताया कि इन आदेशों को वापिस लेने के लिए रिटायर्ड सैनिकों ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार भी लगाई है। सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए रिटायर्ड सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर भी सरकार सैनिकों के साथ न्याय नहीं कर रही जिसकी लड़ाई अभी तक जारी है और आगे भी जारी रहेगी।
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