अंबाला में आज आर्य समाज स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम में समाज के प्रति अभूतपूर्व योगदान देने वाले बुजुर्गों को सम्मानित किया गया।
अंबाला कैंट के आर्य समाज मंदिर में आर्य समाज का स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिसमें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम में समाज के बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में शरीक होकर उन्हें बहुत प्रसन्नता होती है। बुजुर्गों और माता पिता का सम्मान करना भारतीय परम्परा है और माता पिता को पूजन करना हमारी संस्कृति है। आर्य समाज जिस तरह से समाजहित में काम कर रहा है उस पर सभी को गर्व है। वेदों के पाठ्यक्रम में शामिल करने और उनके महत्व पर बोलते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि वेद प्राचीन भारतीय संस्कृति के आधारभूत ग्रन्थ हैं। समस्त भारत के लोगों ने इसे माना है। वेदों के उपदेश सार्वभौमिक हैं। जो सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की सोच के लिए हैं। वेदों का संदेश है कि हम सहयोगी बनें और मानव रक्त के भागी न बनें। मानव मानव के सुख दुख का साथी बने। विश्व मे आतंकवाद के लिए कोई जगह न हो ।
सरकार की ओर से चलाए जा रहे गाय, गीता और ज्ञान अभियान की हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने दिलखोलकर तारीफ की। राज्यपाल ने कहा कि ये सरकारों का अपना विषय है। बच्चों में अच्छे संस्कार आएं। उनका नैतिक उत्थान हो। और उनका सामाजिक विकास हो इस बात चिंतन समाज मे चलते रहना चाहिए।
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