नाबालिग से रेप के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम सहित तीन को अदालत ने दोषी करार दे दिया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्यस्थान, हरियाणा और गुजरात मे अलर्ट जारी किया है। वहीं आज अंबाला स्थित आश्रम में उनके साधक उनकी रिहाई के लिए साधना में जुटे हैं। जबकि थाना पंजोखरापुलिस आश्रम के बाहर सुरक्षा के लिए तैनात है, वहीं केमरे के सामने कोई भी साधक बोलने को तैयार नही है।
15 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में रेप के मामले में दिल्ली की नाबालिंग ने 20 अगस्त 2013 को दिल्ली में आसाराम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया था।जिसमे आसाराम के साथ सेवादार शिवा, रसोइये प्रकाश द्विवेदी, वार्डन शिल्पी ओर अन्य साथी शरत चंद्र को भी विभिन्न धाराओं में आरोपी बनाया गया था। बाद में यह मामला जोधपुर ट्रांसफर किया गया और जोधपुर पुलिस ने 31 दिसंबर को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। उनपर पाक्सो एक्ट ओर अंतरजातीय ओर जनजाति एक्ट की धाराएं लगाई गई। पीड़ित उत्तर प्रदेश के शाहजहां पुर की निवासी है और मध्यप्रदेश जे छिंदवाड़ा आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। आसाराम पर आरोप है कि उसे राज्यस्थान के जोधपुर के मनाई स्थित आश्रम में बुलाकर दुष्कर्म किया। आज जोधपुर जेल में ही जज मधुसूदन शर्मा ने उन्हें दोषी करार दे दिया। होम मिनिस्ट्री की हिदायत पर हरियाणा, गुजरात और राज्यस्थान में हाई अलर्ट किया गया। उसी बात पर अंबाला स्थित आसाराम के आश्रम के बाहर पुलिस तैनात है और अंदर आसाराम के साधक अश्रु भरी आंखों से आसाराम की रिहाई की दुआएं मांगते साधना में लीन है। वही अदालत द्वारा उन्हें दोषी करार दिए जाने पर आश्रम में साधकों की भीड़ बढ़ने लगे गई है। वहीं पुलिस का कहना है कि आश्रम के प्रार्थना पत्र पर कोई साधना में अनहोनी न हो इसीलिए सुरक्षा में तैनात हैं। दूसरी ओर साधना में लीन साधक कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं। आशा राम को दोषी करार देने के बाद आश्रम में साधको की संख्या बढ़नी शुरू हो गई । अब देखना होगा अदालत से क्या फैसला आता है।
No comments:
Post a Comment