Friday, 20 April 2018

अंबाला के कैंसर रोगियों के लिए जुटा रहा है NRI फंड , फंड के लिए सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट से पूरी दुनिया का लगा चुके हैं चक्कर ।

    कहते हैं अपने वतन की मिट्टी में गजब की कसक होती है। इंसान कहीं भी चला जाये अपनी मिट्टी और अपने देश को नहीं भूलता। हां, विदेश में रहते अपने लोगों के लिए कुछ कर गुजरने का मौका मिल जाए तो इससे बड़ी खुशी की बात शायद ही कोई हो। जी हां, आपको ऐसे ही एक एनआरआई की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अमेरिका में रहते हुए भारत में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए कुछ करने की ठानी और वो कर दिया जो हमारी सरकारें और बड़े व सम्पन्न लोग करने की सोच भी नहीं सकते। 


क्या है रवि बंसल की कहानी : 

   रवि बंसल जो पिछले लगभग 40 सालों से अमेरिका के बफ्लो शहर में रह रहे हैं। रवि भारत मे कैंसर के रोगियों के लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं। यूं तो रवि का जन्म और उनकी परवरिश अंबाला कैंट में हुई और जवान होते ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए। वहां फ्लाइंग भी सीखी और अपना छोटा सा बिजनेस भी कर लिया। इसी बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने रवि के जीने का मकसद ही बदल दिया। एक दिन रवि को अमेरिका में अंबाला से खबर आई कि उनकी बड़ी भाभी स्नेह बंसल को कैंसर हो गया है जो देर से डिटेक्ट हुआ और दूसरी स्टेज तक पहुंच चुका है। अब उनका बचना मुश्किल है। रवि की भाभी कैंसर से बहुत लड़ीं परन्तु आखिरकार इस जंग में कैंसर नामक जानलेवा बीमारी जीत गई और रवि की भाभी उस काल का ग्रास बन गई। भाभी को मां की तरह मानने वाले रवि बंसल ने खुद को संभाला और अंबाला के गर्भ में पल रहे रोटरी हॉस्पिटल से जुड़कर कैंसर के रोगियों के लिए कुछ कर गुजरने की ठानी। रवि ने अमेरिका में रहकर अंबाला के रोटरी कैंसर हॉस्पिटल के लिए पैसे इकठ्ठे करने शुरू किए ताकि यहां आने वाले मरीजों के लिए बेहतर मशीनें और उम्दा डाक्टरों की व्यवस्था की जा सके। रवि जहां भी जाते वहां अंबाला के रोटरी अस्पताल की मानवसेवा की चर्चा जरूर करते। रवि के प्रयास रंग लाये और अमेरिका में रह रहे लोगों ने उन्हें अस्पताल के लिए आर्थिक मदद देनी शुरू कर दी जिसका सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। रोटरी अस्पताल से जुड़े लोग जिनमें रवि के बड़े भाई सुभाष बंसल भी हैं जो बताते हैं कि रवि बंसल अपने तौर पर अभी तक अस्पताल के लिए लगभग 2 करोड़ रुपयों का अनुदान जुटा चुके हैं जिससे अस्पताल में बहुत काम हो रहा है और जल्दी ही यहां एमआरआई मशीन भी लगने वाली है। 



रवि बंसल की प्रेरणा है उनकी पत्नी : 

     रवि बंसल की असली प्रेरणा उनकी डाक्टर पत्नी प्रतिभा बंसल हैं जो खुद अमेरिका में पेन मैनेजमेंट की स्पेशलिस्ट हैं। रवि और प्रतिभा जब भी भारत आते हैं तो वो अपना ज्यादतर समय रोटरी अस्पताल और लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने में देते हैं। रोटरी अस्पताल की ओर से कैंसर के गंभीर रोगियों के लिए चलाया जा रहा स्नेह स्पर्श प्रोजेक्ट भी प्रतिभा बंसल और रवि बंसल के दिमागी तरकश से निकला हुआ ब्रह्मास्त्र रूपी तीर है जो बखूबी अपने काम को अंजाम दे रहा है।

रिटायर्मेंट ले चुके हैं रवि बंसल : 

      रवि बंसल ने अब अपनी कामकाजी जिंदगी से रिटायरमेंट लेकर खुद को पूरी तरह से रोटरी के कैंसर रोधी अभियान में झोंक दिया है। लगभग 65 साल के रवि बंसल ने कैंसर रोगियों के लिए फंड्स जुटाने की खातिर सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट से पूरी दुनिया का चक्कर लगाया जिसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी खूब सराहा। रवि जहां जहां गए वहां के लोगों ने उन्हें हर सम्भव मदद दी और दिल खोलकर उनकी सराहना की। रवि कहते हैं कि जानकारी और संसाधन कम होने की वजह से लोगों को कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी का देर से पता चलता है जो कई स्टेज पार कर चुका होता है जिसका इलाज भी नामुमकिन हो जाता है। हमारा प्रयास है कि अंबाला के रोटरी अस्पताल में उम्दा क्वालिटी की वो सब स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हों जैसी विदेशों में होती है ताकि शुरुआत में ही कैंसर को पकड़कर उसका खात्मा किया जा सके। 

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