गैरकानूनी ढंग से एक ही नक्शे के इस्तेमाल से कई बिल्डिंगों का निर्माण करने का प्रापर्टी कारोबारी जग्गी पर आरोप
- बेनामी शिकायत पर कैबिनेट मंत्री ने मार्क करके उपायुक्त को जांच करने के दिए निर्देश
अंबाला - कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने डीसी अंबाला के नाम मिले एक बेनामी पत्र पर मार्क करते हुए उपायुक्त को शिकायतकर्ता की शिकायत का निवारण करने के निर्देश दिए हैं। यह पत्र उन्हें किसी ने बिना नाम से भेजा है और शिकायतकर्ता ने सिटी के सबसे बड़े प्रापर्टी कारोबारी हरदीप सिंह जग्गी व अन्य पर आरोप धोखाधड़ी के आरोप जड़े हैं। कैबिनेट मंत्री ने उपायुक्त को लिखे अपने रिमार्कस में लिखा है कि शायद शिकायतकर्ता ने किसी डर के कारण शिकायत पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। शिकायतकर्ता की शिकायत पर तीन जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों की कमेटी बनाकर उनसे मामले की जांच करवाई जाए और जांच के आधार पर जो उचित कार्रवाई हो की जाए।
दरअसल अनिल विज को एक बेनामी शिकायत मिली थी जिसमें शिकायतकर्ता ने प्रापर्टी कारोबारी हरदीप सिंह जग्गी, उनके बेटे सरबजोत सिंह जग्गी, सिमरजोत जग्गी, मीनू कटारिया व हरमिंद्र सिंह कटारिया पर सरकारी अधिकारियों को झूठे सबजबाग दिखाकर व गुमराह करके झूठे नक्शे पास करवाकर सरकार को करोड़ों रूपए की चपत लगाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा है कि उपरोक्त व्यक्तियों ने सिटी मनमोहन नगर के नजदीक रकबा पत्ती रंगड़ा के खसरा नं. ५०/२१/१, ५१/१६, १७, २४/२, २५, ६२//५, ६३//१/१, १/२, ६३//२, ६३//३/१, ६३//८, ६३//१०, ६३//१३, ६३//२६ दिखाकर ९६३ वर्ग गज के दो रिहायशी नक्शे नगर निगम अंबाला में दिए थे। जोकि १८ फरवरी २०१६ को नक्शा नं. ६६४ व ६६५ नगर निगम में जमा करवाए गए और नगर निगम अंबाला द्वारा ३१ मार्च २०१६ को दानों नक्शे पास कर दिए गए। इसके बाद उपरोक्त लोगों ने नक्शों का गल्त इस्तेमाल करते हुए रिहायशी नक्शे के विपरित व्यवसायिक बिल्डिंग का निर्माण गैर कानूनी ढंग से शुरू कर दिया। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता की शिकायत के अनुसार उपरोक्त लोगों द्वारा इसी गैर कानूनी नक्शे के आधार पर सिटी की नई सब्जी मंडी के दूसरी तरफ खसरा नं. ५२//१३, ५२//१४ में दो बिल्डिंगों २१३३ वर्ग गज प्रति बिल्डिंग का निर्माण शुरू किया हुआ है। अधिकारियों को गुमराह करने के लिए उपरोक्त लोगों द्वारा एक ही नक्शा दोनों जगह दिखाया जाता है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उपरोक्त व्यक्ति एक ही नक्शे को कई जगह इस्तेमाल करके सरकार को करोड़ों रूपए की चपत लगाते हैं। शिकायतकर्ता ने कहा कि उपरोक्त सभी व्यक्ति बेहद क्षातिर हैं और अदालत का डर दिखाकर निगम के अधिकारियों को गुमराह करते हैं और उनके काम में बाधा उत्पन्न करते हैं। शिकायतकर्ता ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ जांच करवाकर उचित कार्रवाई की जाए और गैर कानूनी ढंग से बनाए जा रहे उनके निर्माण तुड़वाकर सरकार को होने वाली हानी उनसे वसूली जाए।
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