मानसून की बरसात से चारों ओर जल थल है। क्या नदी क्या नाले और क्या गालियां सब बरसाती पानी से लबालब हैं। इस पानी की वजह से अंबाला सिटी के मॉडल टाउन का श्मशान घाट भी अछूता नहीं रहा। जहां बरसात के पानी की ऐसी मार पड़ी कि यहां से मृतकों की अस्थियां पानी में बह गईं। जिसके बाद मृतकों के परिजन बाजार से छलनीयां खरीदकर लाये और श्मशान घाट में भरे पानी में से छांट छांटकर अपने प्यारों की अस्थियां बाहर निकाली। श्मशान घाट में पसरी बदहाली पर मृतकों के रिश्तेदारों का गुस्सा फूटा जिसके बाद श्मशान समिति ने पानी की निकासी होने तक यहां अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी है।
अस्थियाँ इकट्ठा करते परिजन :
तस्वीरों में दिखाई दे रही ये अव्यवस्था अंबाला सिटी के मॉडल टाउन के शमशान घाट की है। पानी से लबालब इस श्मशान घाट में छलनी लेकर ये लोग को सोना या चांदी नहीं बल्कि अपने मरहूम रिश्तेदार की अस्थियां तलाश रहे हैं, जिसका अंतिम संस्कार ये लोग कल शाम को करके गए थे। पर सुबह जब ये लोग यहां अस्थियां लेने पहुंचे तो यहां का नजारा देखकर इनके पांव तले से जमीन खिसक गई। रातभर हुई बरसात की वजह से श्मशान पानी पानी हो गया, जिस वजह से अस्थियां इस पानी में बह गईं। अंबाला शहर के मॉडल टाउन के रहने वाले 64 साल के नरिंदर सिंह नरूला का शुक्रवार को निधन हो गया था। उनके रिश्तेदारों ने मॉडल टाउन के स्वर्ग आश्रम श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया और घर चले गए। मरहूम नरेन्द्र सिंह के भतीजे इंदरजीत सिंह बताते हैं कि सुबह जब वो अपने परिवार के साथ चाचा की अस्थियां लेने के लिए पहुंचे तो यहां का नजारा देखकर पांव तले से जमीन खिसक गई। अंतिम संस्कार किये जाने वाले शेड के नीचे घुटनों तक पानी था और अस्थियां इस पानी में यहां वहां बह रहीं थीं। परिजनों का आरोप है जब उन्होंने इस बारे में श्मशान घाट की देखरेख करने वाली कमेटी से इस बारे में बात की तो उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। बदहाली और अव्यवस्था का आलम देखिए, अस्थियां चुनने के लिए श्मशान घाट में कोई व्यवस्था नहीं थी। जिसके बाद लगभग 10 किलोमीटर का सफर तय करके अम्बाला कैंट से छलनी तैयार करवाकर लाये जिसके बाद पानी मे तैरती अस्थियां चुनीं। जितनी अस्थियां मिलीं केवल उतनी ही लेकर प्रवाहित करने के लिए पंजाब के कीरतपुर साहिब ले गए। श्मशान में पसरी अव्यवस्था की वजह से परिजनों के आंसू भी छलक पड़े।
ऐसा नहीं कि ये अव्यवस्था यहां पहली बार देखने को मिली है। जानकर बताते हैं कि पहले भी श्मशान घाट में पानी आता है परन्तु अबकी बार ये अंतिम संस्कार करने वाले शेड तक मार कर गया जिस वजह से यहां की पोल खुल गयी। श्मशान घाट के सेवादार चमनलाल बताते हैं कि पहले भी यहां पानी भर जाता है। सेवादार का दावा है कि अस्थियां बही नहीं हैं परिवार के साथ मिलकर अस्थियां चुनवा दी गयी हैं। चमनलाल ने बताया कि यहां पर एक प्रेशर पम्प है जिसे निगम के कर्मचारी चलाते नहीं हैं जिस वजह से यहां पानी भर गया । जब तक यहां पर पानी भरा हुआ है तब तक यहां अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता।
श्मशान घाट में पसरी अव्यवस्था और मृतक के परिजनों के रोष की खबर पाकर मॉडल टाउन शमशान घाट समिति के प्रधान वरिंदर सिंह निक्कू मौके पर पहुंचे। प्रधान निक्कू ने बताया कि आसपास की कॉलोनियों का बरसाती पानी श्मशान घाट के पास इकठ्ठा होने लगा है और बहुत समय से यहां नगर निगम ने प्रेशर पम्प भी नहीं चलाया जिस वजह से ये दिक्कत आ गयी है। शेड को एहतियातन शिकंजा डालकर ढक दिया गया था ताकि अस्थियां यहां वहां न हों। मौसम ठीक होते ही यहां काम शुरू करवा दिया जाएगा। निर्माणकार्य के दौरान यहां अंतिम संस्कार नहीं होगा। तब तक शहर के सिटी पार्क के साथ वाले श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की व्यवस्था रहेगी।
No comments:
Post a Comment