कहते हैं कि आप मे जज्बा हो और इस जज्बे को सही गाइडेंस की हवा मिल जाये तो कुछ भी किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ मकसद लेकर चले थे अंबाला कैंटोनमेंट स्कूल के बच्चे। जिन्होंने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे इन्होंने समाज में मिसाल कायम कर दी है। जी हां, ये हैं कैंटोनमेंट बोर्ड के वात्सल्य स्पेशल स्कूल में पढ़ने वाल्व दिवांग स्पेशल बच्चे जिन्होंने खुद अपने हाथों से ऑर्गेनिक रंग तैयार किए हैं। फूलों को सुखाकर इन बच्चों ने होली के ये गुलाल तैयार किए हैं। जिसकी बकायदा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जहां से लोग इन रंगों की खरीदारी कर रहे हैं।
देश के सबसे स्मार्ट कैंटोनमेंट का तमग़ा हासिल कर चुका अंबाला कैंटोनमेंट अपने काम और क्रिएटिविटी से भी स्मार्ट होता जा रहा। अंबाला कैंट के सेना क्षेत्र में कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा वातसल के नाम से एक स्कूल चलाया जाता है जिसमें विशेष दिव्यांग बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल के प्रिंसिपल और कैंटोनमेंट बोर्ड के वाईस प्रेजिडेंट का दावा है इस स्कूल में लगभग 75 विशेष बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनके जीवन मे यहाँ आने के बाद चमत्कारिक बदलाव आए हैं। वह अपने सभी काम करने में खुद सक्षम हैं। जो अंबाला कैंटोनमेंट की मेहनत का फल है। स्कूल के विशेष ट्रेनर डा हिमांशु ने बताया कि बच्चों ने फूलों को सुखाकर और अरारोट के माध्यम से गुलाल रंग तैयार किए हैं जो बहुत ही कारगर हैं। ये रंग एक दिन के बच्चे से लेकर बुजुर्गों की त्वचा के लिए बिल्कुल सही हैं जिनका कोई रिएक्शन भी नहीं होने वाला।
कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है की वात्सलय स्कूल जैसे विशेष शिक्षण संस्थानों की वजह से स्पेशल बच्चों को मुख्य धारा में लाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें सफ़लता भी हाथ लगी है। बोर्ड के सीईओ वरुण कालिया बताते हैं कि वात्सलय स्कूल बोर्ड की ओर से चलाया जा रहा है। जो बच्चे ठीक से बोल नहीं पाते या फिर बात को ठीक से समझ नहीं पाते। उन्हें यहां आने पर काफी फायदा हुआ है। किसी भी रूप में यदि बच्चे शररीरिक रूप से अक्षम हो तो उन्हें ट्रेनिंग और शिक्षा के माध्यम मानसिक सक्षम बनाया जा सकता है। वही काम वात्सलय स्कूल कर रहा है। दीपावली पर इन बच्चों ने अपनी नायाब क्रिएटिविटी का प्रदर्शन किया था जिसके बाद अब बहुत बड़े पीएम पर इन्होंने अब होली के रंग बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। बोर्ड के प्रेजिडेंट ब्रिगेडियर एसएस सिधू अपनी धर्मपत्नी के साथ वात्सल्य स्कूल पहुंचे और वहां बच्चों द्वारा लगाई गई होली की प्रदर्शनी का उदघाटन किया और इसकी दिल खोलकर तारीफ की। सेना ने भी इन विशेष बच्चों की प्रतिभा को सलाम किया है। कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि आगे भी ऐसे आयोजन करवाए जाते रहेंगे ताकि बच्चों में आत्मविश्वास और ऊर्जा भरी रहे।